नशे के खिलाफ जंग हुई और तेज़
हैरोइन का नशा पाकिस्तान से आता है तो शराब का नशा कहां से आता है
लुधियाना:8 जनवरी 2014: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो): उधर अकाली दल ने बार्डर पर धरने देकर नशे के खिलाफ जंग को और तेज़ करने का बिगुल बजाया तो बेलन ब्रिगेड अपनी इस जंग को लेकर स्कूलों में पहुँच गया है। आज बारी थी स्थित दुर्गेश्वरी बाल विद्दा मंदिर की। वहां छुट्टी हो जाने के बावजूद ब्रिगेड की टीम का इंतज़ार हो रहा था। स्कूल का स्टाफ भी बेलन ब्रिगेड प्रमुख अनीता शर्मा की को बेताब था। यह मौका था एक सेमिनार का। यह सेमिनार दुर्गेश्वरी स्कूल में पंजाब में लगातार बढ़ रहे नशो के खिलाफ आयोजन किया गया जिसमें छात्र-छात्राओं को बताया गया कि पार्लियामेंट चुनावों की हार के बाद पंजाब सरकार ने धड़ाधड़ नशेडिय़ों को पकडक़र जेलों में ठूस दिया और केन्द्र सरकार को यह साबित करने की कोशिश की गयी कि अब नशों पर काबू पा लिया गया है। दरअसल हकीक़त कुछ और ही है। प्रतिदिन पाकिस्तान बार्डर से करोड़ो रुपये की हिरोइन पंजाब में दाखिल हो रही है।
पंजाब में रहने वाले तस्करों के लिंक इतने मजबूत है कि आज तक पंजाब पुलिस उन पर हाथ नहीं डाल सकी
और न ही पंजाब सरकार बड़े बड़े तस्करों का सही खुलासा कर सकी है।
इस अवसर पर बेलन ब्रिगेड की राष्ट्रीय अध्यक्ष आर्किटेक्ट अनीता शर्मा ने कहा कि पंजाब
सरकार अपनी घटियां प्रशासन का ठीकरा पाकिस्तान बार्डर के नशा तस्करों पर फोड़ रही है।
पंजाब सरकार सबसे पहले अपने गिरेबान में झाक कर देखें जिसने हर गांव ,गली मुहल्ले में शराब के ठेके खोल कर आम जनता को शराब कानशेड़ी बना दिया है। अमीर ब्यक्ति शराब को कम पिये या ज्यादा उसे कोई फर्क नहीं पड़ता है क्योंकि अमीर ब्यक्ति शराब के साथ मीट व मेवे भी खा सकता है। बीमार होने पर किडनी या हार्ट का आप्रेशन भी करवा सकता है। लेकिन एक गरीब मजदूर दिनभर काम करने के बाद शराब पीकर जब रात को घर लौटता है, तो उसके थैले में सब्ज़ी की जगह शराब की बोतल होती है सारा परिवार उसको शराबी हालत में देख कर खामोश हो जाता है। यहाँ एक तरफ घर में वच्चो के लिए पेट भर खाना - खाने के लिए नहीं होता दूसरी तरफ शराब के नशे में शराबी बिना खाना खाए ही बीबी बच्चों को भला- बुरा कहते हुये सो जाता है। यही भुखे पेट शराब इन्सान को कई रोग लगा देती है। शराब का नशेड़ी समय पर बीमारी का इलाज़ नही करवा सकता और वह दम तोड़ देता और पीछे छोड़ जाता है अनाथ वच्चे, विधवा पत्नी व बूढ़े माँ बाप जिन्हे पंजाब सरकार शराब की कमाई से बाद में विधवा व बुढापा पेन्शन देती है।
पंजाब सरकार ने बेरोजग़ारी मंहगाई व गऱीबी में पिस रहे किसानों व मजदूरो के गम दूर भगाने के लिए जो सरकारी शराब के ठेके खोले है, क्या यह पंजाब की जनता के विकास के लिए है या पंजाब की जनता को बर्बाद करने के लिए है। आर्कीटेक्ट शर्मा ने आगे बोलते हुए कहा कि पंजाब सरकार यदि सच में नशा खत्म करना चाहती है। तो सबसे पहले 20 % शराब के ठेके हर साल कम करें।
हर महीने जब मजदूरों को वेतन मिलता है अर्थात 7 व 22 तारीख को ठेके बन्द रखे जाएं।
गली - गांव मुहल्ले में शराब का ठेका खोलने से पहले वहा की जनता की राये लें। यदि इलाका वासी नहीं चाहते तो वहां शराब का ठेका न खोला जाय। शराब की क्वाल्टी की जाँच की जाए? कितनी शराब कौन से कान्टेक्टर ने किसी ठेके पर बेची उसका ब्यौरा एक्साइज डिपार्ट मेन्ट की बेव साइट पर डाला जाए। शराब पीकर मरने वालों को सरकारी नौकरी दी जाए।
सरकारी मुलाजमो का सुबह हाजरी के वक़्त उनका अल्कोहल माउथ एनालाइजर से चैक किया जाए और शराबी मुलाजम को नौकरी से बर्खास्त किया जाए। शराब पीकर गाड़ी चलाने वालो का लाइसेंस रद्ध किया जाए।
इस अवसर पर हेम लता मधु ,मनजीत नेहा संगीता मोनिका रजनी जोशी, कार्तिका सिंह व दलजीत कथूरिआ ने भी अपने विचार प्रगट किये।
यदि आपके इलाके में भी शराब या अन्य नशे का प्रचलन जारी है तो सम्पर्क करें बेलन ब्रिगेड की प्रेजिडेंट
अनीता शर्मा (आर्किटेक्ट) से। उनका मोबाईल नंबर है ; 09417423238
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