Saturday 16 May 2015

CMC Ludhiana:जिन्दगी और मौत के बीच पत्र कार विक्की-बेलन ब्रिगेड

अनीता शर्मा ने फटकारा शराब से समाज को तबाह करने पर तुले लोगों को
लुधियाना: 15 मई 2015: (बेलन ब्रिगेड ब्यूरो):
नशा कोई भी हो उसका अंत बुरा ही होता है। कुछ जानलेवा नशे लोग खुद करते है और कुछ नशे सरकार की मेहरबानी से लोगो को मिल रहे है जिसमे शराब प्रमुख है जो  आज हजारो लोगो की जिन्दगी बर्बाद कर रही है। बेलन ब्रिगेड की राष्ट्रीय अध्यक्ष आर्कीटेक्ट अनीता शर्मा ने एक बैठक के दौरान बताया कि शराब एक ज़हर है जो इंसान के गुर्दे व लीवर को खऱाब और नष्ट कर देता है। जिसकी जिन्दा मिसाल जिन्दगी और मौत के बीच फंसे पत्रकार विक्की की है जो आज शराब के कारण अपनी दोनों किडनियां व लीवर खऱाब कर चुका है। सी एम सी अस्पताल में जाकर उसकी हालत देखने और फिर उसके परिवार से मिलने के बाद बेलन ब्रिगेड प्रमुख अनीता शर्मा ने सरकार सहित समाज के उन सभी वर्गों फटकारा जो अपना स्वार्थ सिद्ध करने के लिए पत्रकारों और मज़दूरों को नशे की लत लगाते हैं। अनीता शर्मा ने कहा कि कलम का सिपाही हो या मकान बनाने वाला मज़दूर उसे उसका बनता पूरा पैसा दो। नशे की लत लगा कर उसका शोषण मत करो। अपने विज्ञापनों को बड़ी बड़ी ख़बरों में तब्दील करके निशुल्क छपवाने के चक्र में मीडिया कर्मियों को शराब में डूबोने का गुनाह मत करो।  उन्होंने मीडिया से भी अपील की कि वे नशे की पार्टियों का बहिष्कार करें। मीडिया ने स्वस्थ समाज का निर्माण करना होता है इस लिए मीडिया को खुद भी एक उदाहरण बन कर सामने आना चाहिए।
उन्होंने कहा कि  जब शराबी को मुफ्त शराब मिलती है तो वह अपना पराया  सब कुछ  भूल जाता है और कुछ घंटो के सरूर के लिए मुफ्त की शराब गटागट चढ़ा जाता है। अंत में इन लोगो  के पास इलाज कराने के लिए पैसे तक नही होते  खुद तो मर जाते है और अपने पीछे छोड़ जाते है यतीम  बच्चे  और  विधवा  पत्नी जो  बाद में विधवाओ को मुफ्त राशन बाँटने वाले प्रधानो के दफ्तरों में दर दर धक्के खाती है। क्या यही हमारा समाज है यहां पहले शराब पियो और पिलाओ और जब शराबी मरने के किनारे पहुंच जाए तो उसके करीब कोई नही आता।  दूसरी  तरफ पंजाब सरकार गली गली शराब के ठेके खोलकर गरीबो का जीवन बर्बाद कर रही है क्योकि पत्रकार विक्की जो आज जिंदगी और मौत की जंग में अपनी दोनों किडनियां और लीवर गंवा चुका है यह पंजाब सरकार की पॉलसी की ही देन है।
अनीता शर्मा ने कहा कि वे जल्द ही उन मीडिया कर्मियों के लिए एक विशेष सेमिनार भी कराएंगे जिसमें कलम को नशे में डुबोने की  खिलाफ आवाज़ बुलंद की जाएगी और साथ ही नशे से मुक्त होने की टिप्स भी डिसकस की जाएंगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि मीडिया और पुलिस के काम बधुत ही जोखिम भरे भी होते हैं और तनावपूर्ण भी। उनके नशे पर हंसने की बजाये इस बात को समझना होगा कि उनका डिप्रेशन और तनाव दूर कैसे किया जाये। उन्होंने कहा कि  समाज का कुलीन कहा जाने वर्ग अपने स्वार्थ के लिए इस तबाही पर मोक दर्शक बना बैठा है। यु चुप्पी समाज को बहुत महंगी पड़ेगी।  अगर लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ खोखला हो कर गिर गया तो समाज के लिए आवाज़ बुलंद करने का कोई भी रास्ता बाकी न बचेगा।